Uttarakhand

गुदड़ी के लाल जावेद ने किया कमाल, नीट परीक्षा में हासिल किये 553 अंक 

देेहरादून। जसपुर निवासी जावेद अली के पिता 21 अप्रैल को गुजर गये और हार्ट पेशेंट मां दून अस्पताल में दाखिल थी। ऐसे कठिन समय में जावेद ने 5 मई को नीट परीक्षा दी और इस परीक्षा में 553 अंक हासिल कर लिए। प्रतिभावान जावेद का जीवन घोर विषम परिस्थितियों में बीता, लेकिन कहते हैं कि ‘जहां चाह, वहां राह‘ उसकी डाक्टर बनने की चाहत को बलूनी क्लासेस के एमडी विपिन बलूनी ने पंख लगा दिये। उन्होंने जावेद को संस्थान में निशुल्क कोचिंग दी और जावेद ने नीट क्वालीफाई कर दिया। जावेद न्यूरोसर्जन बनना चाहता है।

जसपुर निवासी जावेद अली का बचपन अभावों में बीता। पिता अनीस अहम बीमार और बेरोजगार थे। सात भाई-बहन होने से जावेद की परवरिश उसके भाई ने की, लेकिन कैंसर होने से भाई का निधन हो गया तो जावेद की पढ़ाई अधर में पड़ गयी। बहन रुबीना और मां कनीज बेगम भैंस का दूध बेचकर उसे पढ़ाते रहे। कुशाग्र बुद्धि के छात्र जावेद ने 12वीं कक्षा में 95.8 प्रतिशत अंक हासिल किये। इस बीच कोरोना आ गया तो वह आगे पढ़ाई नहीं कर सका। जावेद के भाई चाहते थे कि वह डाक्टर बने। उसने घर पर रहते हुए ही नीट परीक्षा दी तो पहली बार में 508 अंक हासिल हुए।

अक्टूबर 2023 में वह और उसकी बहन रुबीना मां के लिए दवाई लेने जसपुर से देहरादून पहुंचे तो जावेद के लिए कोचिंग तलाशते हुए बलूनी क्लासेस पहुंच गये। बलूनी क्लासेस के एमडी विपिन बलूनी ने न केवल उसकी फीस माफ की बल्कि उसे कई बार आर्थिक सहायता भी दी। जावेद का कहना है कि बलूनी क्लासेस ने उसके जीवन को एक नई दिशा दी है। यहां की फैकल्टी और पढ़ाई के अनुकूल वातावरण से उसका हौसला बढ़ा। उसके अनुसार वह न्यूरो सर्जन बनकर गरीब मरीजों का इलाज करना चाहता है।

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