ओंकोलाजिस्ट बनना चाहती है वाटिका रावत
देहरादून। नीट परीक्षा में 710 अंक हासिल कर प्रदेश भर में दूसरा स्थान हासिल करने वाली बलूनी क्लासेस की छात्रा वाटिका रावत का कहना है कि वह ओंकोलाजिस्ट बनना चाहती है। वाटिका एम्स दिल्ली में दाखिला लेना चाहती है। वाटिका के मुताबिक परिजनों के प्रोत्साहन और बलूनी क्लासेस की नोट्स और कोचिंग से उसे यह लक्ष्य मिला है।
देहरादून के मोथरावाला निवासी वाटिका मूल रूप से चमोली जिले के नंदप्रयाग क्षेत्र के बातोली गांव की है। उसके पिता हयात सिंह रावत और मां त्रिलोत्मा दोनों टीचर हैं। उसने जब सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया तो तय कर लिया था कि डाक्टर बनना है। बलूनी क्लासेस की सुपर -50 की छात्रा वाटिका ने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की है। वह कहती है कि यह तनाव भरा समय था लेकिन माता-पिता ने प्रोत्साहित किया और कोचिंग की फैकल्टी और एमडी विपिन बलूनी सर का प्रोत्साहन मिला। वह कहती है कि बलूनी क्लासेस के नोट्स, गाइडेंस और एक्सेल बैच से उसे लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिली।