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राहुल गांधी से मुलाकात के बाद शहीद अंशुमान की मां ने अग्निवीर योजना बंद करने का किया आग्रह

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के दौरे पर पहुंचे. जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और बाद में एम्स (AIIMS) का दौरा किया. इसी के साथ कांग्रेस नेता ने वीरगति को प्राप्त हुए कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह और उनकी मां मंजू सिंह से मुलाकात की।

अग्निवीर योजना को बंद कर दीजिए: शहीद की मां
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद शहीद कैप्टन की मां मंजू सिंह ने कहा, अग्निवीर योजना बंद होनी चाहिए. मैं सरकार से हाथ जोड़कर निवेदन करूंगी कि अग्निवीर योजना बंद कर दें. चार साल की अग्निवीर योजना ठीक नहीं है. फौजियों को पेंशन, कैंटीन और बाकी सुविधाएं मिलनी चाहिए।

अंशुमान की मां ने कहा, मेरे पति फौज से ही रिटायर हुए हैं, बेटा भी फौज में गया था. तो मैंने इस बारे में भी बात की, तो मैंने कहा कि ऐसा फौज में न हो कि चार साल की नौकरी हो…जो भी सुविधा हो सबको बराबर होनी चाहिए. आपको बता दें कि राहुल गांधी शुरू से ही अग्निवीर योजना की आलोचना कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह योजना सैनिकों के हितों पर कुठाराघात करने के मकसद से लाया गया है।

कांग्रेस की टीम हमेशा हमारे संपर्क में रही
राहुल गांधी से मुलाकात पर शहीद की मां ने कहा कि वो हमेशा से नेता से मिलना चाहती थी. उन्होंने कहा- जब मैं राष्ट्रपति भवन गई थी तो मैं इमोशनल थी, मैंने कहा था कि मैं राहुल से मिलना चाहती हूं. तब उनकी टीम ने मेरा नंबर लिया और बाद में वह लगातार मेरे संपर्क में रहे. अंशुमान की मां ने कहा कि मैं जब भी उनकी सदन में स्पीच देखती हूं, तो मुझे अच्छा लगता है।

पिछले साल जुलाई में शहीद हो गए थे अंशुमान
बता दें कि हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत कैप्टन अंशुमान सिंह को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. उन्होंने अपने शौर्य का परिचय देते हुए भयावह आग की लपटों के बीच कई लोगों को बचाकर अपना अदम्य साहस दिखाया था. दरअसल, 19 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय टेंटों में आग लग गई थी. इस आग में कई लोग फंस गए थे, लेकिन रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह कई लोगों को बचाने के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए. अंशुमान की शादी पांच महीने पहले ही हुई थी। उनकी मां और पत्नी ने इस पुरस्कार को ग्रहण किया. अंशुमान यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले थे।

 

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