अलविदा रतन टाटा- दरियादिली और विनम्रता की कहानी ने जीते लाखों दिल
मुंबई। भारतीय उद्योगपति रतन टाटा ने 9 अक्टूबर की रात दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी दरियादिली और विनम्रता के अनगिनत किस्से हैं, जो हमेशा लोगों को प्रेरित करते रहेंगे। ऐसा ही एक मार्मिक किस्सा मशहूर बिजनेसमैन सुहैल सेठ ने एक इंटरव्यू में साझा किया था, जो 2018 का है।
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड लेने से किया इनकार
6 फरवरी 2018 को ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स रतन टाटा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित करना चाहते थे। यह समारोह बकिंघम पैलेस में आयोजित होने वाला था। रतन टाटा भी इसमें शामिल होने वाले थे। लेकिन 3 फरवरी को जब सुहैल सेठ लंदन पहुंचे, तो उन्होंने रतन टाटा के 11 मिस्ड कॉल देखे। जब सुहैल ने उनसे संपर्क किया, तो रतन टाटा ने बताया कि वे इस फंक्शन में शामिल नहीं हो सकते।
अवार्ड ना लेने की वजह ने छू लिया दिल
रतन टाटा ने समारोह में जाने से इनकार करते हुए बताया कि उनके डॉग्स, टैंगो और टिटो, बीमार हैं और वे उन्हें इस हालात में अकेला नहीं छोड़ सकते। यह सुनकर सुहैल सेठ भी हैरान रह गए। इतना बड़ा अवार्ड छोड़ने के पीछे की वजह जब प्रिंस चार्ल्स को पता चली, तो उन्होंने भावुक होकर कहा, “देट्स ए मैन” (यह होता है इंसान), जो अपनों की फिक्र करता है।
महाराष्ट्र में एक दिवसीय शोक की घोषणा
रतन टाटा के सम्मान में महाराष्ट्र सरकार ने एक दिवसीय शोक की घोषणा की है। 10 अक्टूबर को सभी सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्रीय झंडा आधा झुका रहेगा और कोई भी मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर दक्षिण मुंबई के नरीमन प्वाइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। उनका अंतिम संस्कार आज मुंबई के वर्ली इलाके में किया जाएगा।
देशभर में रतन टाटा के निधन से शोक की लहर है, और उनके आदर्श और योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।