Uttarakhand

पीएम स्वनिधि योजना में उत्तराखंड ने हासिल किया शत – प्रतिशत लक्ष्य

अंत्योदय को ध्यान में रखकर काम कर रही हैं केंद्र ओर राज्य सरकार : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को कारोबार शुरू करने के लिए दी जाती है बिना गारंटी के ऋण सुविधा

देहरादून। सड़क किनारे रेहड़ी ठेली लगाकर आजीविका कमाने वाले हजारों छोटे कारोबारियों के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना, वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत उत्तराखंड ने शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करते हुए, 40 हजार से अधिक छोटे व्यापारियों को कारोबार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है।

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना, मुख्य रूप से कोविड काल में प्रभावित छोटे कारोबारियों को फिर से स्वरोजगार में मदद के लिए प्रांरभ की गई थी। उत्तराखंड में शहरी विकास विभाग इस योजना के लिए नोडल एजेंसी की भूमिका निभाता है। योजना के तहत छोटे कारोबारियों को बिना किसी गारंटी के सुगम ऋण अवधि में कार्यशील पूंजी के रुप में प्रथम चरण में 10 हजार, दूसरे चरण में 20 हजार और तीसरे चरण में 50 हजार रुपए का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। योजना के तहत पहली बार का ऋण तय समय में लौटाने पर ही लाभार्थी दूसरी बार के लिए ऋण ले सकते हैं, इसी तरह दूसरी बार का ऋण चुकाने पर स्ट्रीट वेंडर्स तीसरे चरण का ऋण लेने के लिए अर्ह होते हैं।

योजना के तहत उत्तराखंड ने 27330 लाभार्थियों को प्रथम चरण में 10- 10 हजार, 10349 लाभार्थियों दूसरे चरण में 20-20 हजार और 2364 लाभार्थियों को तीसरे चरण के तहत 50- 50 हजार का ऋण उपलब्ध कराया है। इस तरह भारत सरकार की ओर से दिए गए 40005 लाभार्थियों के लक्ष्य के सापेक्ष उत्तराखंड ने 40043 को योजना से जोड़ते हुए, कुल 59.64 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से केंद्र और राज्य सरकार, हमेशा अंत्योदय को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाती है। इसी तरह छोटे कारोबारियों की मदद लिए पीएम स्वनिधि योजना लाई गई है, जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। योजना के लिए आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष अधिक लोगों का लाभ पहुंचाने के लिए शहरी विकास विभाग और संबंधित नगर निकायों के अधिकारी कार्मिक बधाई के पात्र हैं।

पूनम देवी, परिवार सहित बलवीर रोड बस्ती पर रहती हैं, परिवार की आर्थिकी को सहारा देने के लिए, वो रिंग रोड पर रेहड़ी लगाती हैं। पूनम बताती हैं कि उनके पास खुद नगर निगम के कर्मचारियों ने आकर योजना की जानकारी दी, साथ ही फॉर्म भराने से लेकर बैंक में खाता खोलने में मदद की, इसके बाद पूनम देवी योजना तहत प्रथम चरण में दस हजार और दूसरे चरण में 20 हजार रुपए का ऋण प्राप्त कर चुकी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *